Bihar Sakshamta Pariksha Mock Test MCQ SCIENCE PART 6 (CLASS 8) Chapter 5-9 Practice Set

Bihar Sakshamta Pariksha Mock Test MCQ SCIENCE PART 6 (CLASS 8) Chapter 5-9 Practice Set

कक्षा 8 के विज्ञान के चैप्टर 5 से 9 तक के महत्वपूर्ण पॉइंट्स

बल से जोर आजमाइश

बल: किसी वस्तु को गति में लाने के लिए या गतिशील पदार्थ को विराम में लाने के लिए या किसी वस्तु की गति की दिशा को परिवर्तित करने के लिए उसे धकेला, धक्का दिया जाता है या खींचा जाता है। वस्तु पर होने वाले इस तरह के प्रभाव जिस से वस्तु स्थिति विराम या गति की अवस्था में बदल जाय या उसकी दिशा बदल जाय, को बल कहते हैं।

इस तरह बल एक प्रकार का धक्का या खिंचाव है। इसे मापने की इकाई को न्यूटन कहा जाता है।

बल लगाने के लिए कम से कम दो वस्तुओं के बीच अंतः क्रिया का होना जरूरी है।

किसी वस्तु पर एक ही दिशा से लगने वाला बल आपस में जुड़ जाते हैं, अर्थात कुल बल, दोनों बालों का योग होगा।

किसी वस्तु पर दो विपरीत दिशा से लगने वाला कुल बल, दोनों बालों के अंतर के बराबर होगा।

सदिश राशि: ऐसी भौतिक राशियां जिसमें परिमाण एवं दिशा दोनों हो उन्हें सदीश राशि कहा जाता है।

बल का प्रभाव

1. बल लगाकर किसी वस्तु की आकृति बदली जा सकती है।
2. बल लगाकर किसी वस्तु को विराम से गतिशील किया जा सकता है।
3. गतिशील वस्तु की दिशा बदली जा सकती है।
4. बल लगाकर गतिशील वस्तु के गति को
बढ़ाया जा सकता है।
घटाया जा सकता है।
शून्य किया जा सकता है।

बल के प्रकार

बल मुख्यतः दो प्रकार के हैं-
1. सम्पर्क बल : जब दो वस्तु आपस में सम्पर्क में हो और बल लगे।
2. असम्पर्क बल : जब दो वस्तुओं में बिना किसी सम्पर्क के बल लगे।

सम्पर्क बल दो प्रकार के हैं-
1. पेशीय बल : मांशपेक्षियों के क्रियासवरूप लगने वाला बल जैसे – किसी वस्तु को उठाने, चलाने, धकेलने, भोजन करने, इत्यादि में लगा बल।

2. घर्षण बल : जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु के सम्पर्क में गति करती है तो एक बल उस वस्तु के सम्पर्क सतह पर कार्य करती है। इस बल को घर्षण बाल कहते है। जैसे – टायर की गति रोड की सतह पर होती है तो रोड की सतह पर बल लगता है।

असम्पर्क बल दो प्रकार के होते हैं-
1. गरुत्वाकर्षण बल : गुरुत्वाकर्षण पृथिवी का एक गुण है, जिस के द्वारा यह दूसरे पिण्डों को अपनी और आकर्षित करती है, पृथ्वी द्वारा लगाया गया यह बल गरुत्वाकर्षण बल कहलाता है। जैसे किसी भी पादार्थ का जमीन की सतह की और गिरना।

2. चुम्बकीय बल : दो वस्तु आवेशों के कारण आपस में बिना सम्पर्क के ही आकर्षित होता है, आकर्षण में लगे इस बल को चुम्बकीय बल कहते है। जैसे चुम्बक के द्वारा लोहे की कील को आकर्षित करना।

स्थैतिक घर्षण : जब किसी स्थिर वस्तु पर बल लगाया जाता है तो और वह वमरूप वेग से गति करने लगती है, तो उस स्थिति का घर्षण स्थैतिक घर्षण होता है।

सर्पी घर्षण: जब कोई वस्तु किसी सतह पर त्वरित गति से सरकना प्रारंभ कर देती है तो उस समय दोनों के सतहों पर कार्य करने वाला घर्षण सर्पी घर्षण कहलाता है।

लौटनिक घर्षण : जाव किसी वस्तु के नीचे कोई वस्तु ऐसी रख दी जाए जो घूमता रहे और वस्तु आगे बढ़ जाए तो असी घर्षण को लौटनिक घर्षण कहते हैं, जैसे – किसी बड़े से मशीन को घासकाने के लिए नीचे बांस आदि दिया जाता है।

कर्षण : जब किसी तरल पादार्थ पर घर्षण होता है तो उसे कर्षण कहते है। जैसे- नाव के सतह पर पानी द्वारा लगाया गया घर्षण।

सुकक्षमजीव

सुकक्षमजीव : ऐसे जीव जिसे खुली आँखों से देखा नहीं जा सकता बल्कि सुकक्षमदर्शी की सहायता लेनी पड़ती है। जैसे- बैकटेरिया, प्रोटोजोवा, कवक, शैवाल

सुकक्षमजीवों को मुख्यतः चार वर्गों में बांटा गया है-
1. बैकटेरिया (जीवाणु)
2. प्रोटोजोवा
3. कवक (Fungi)
4. शैवाल (Algea)

बैकटेरिया : स्पाइरल जीवाणु, छड़नुमा जीवाणु
प्रोटोजोवा : अमीबा, पैरामीशियम
कवक : रायजोपस, पेनिसिलियम, एस्पर्जिलस
शैवाल : क्लोमाइडोमोनस, स्पाइरोगाइरा

  • यह प्रैक्टिस सेट CBT (Computer Based Test) पर आधारित है।
  • सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ है, और बहुविकल्पीय है। प्रतिएक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
  • सभी प्रश्न कक्षा 8 Chapter No. 5 -9  के विज्ञान पुस्तक पर आधारित है। 
  • कुल 30 प्रश्न है, जिस के लिए कुल समय 30 मिनट निर्धारित है।

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